Sunday, June 18, 2006

अमावस की काली है निगाहों मे मेरे यार की
गुलाबों की लाली है होंठों मे मेरे यार की

जुगनू की चमक है आंखों मे मेरे यार की
कस्तूरी की महक है बांहों मे मेरे यार की

रेशम की कोमलता है बालों मे मेरे यार की
अब्र की मलमलता है गालों मे मेरे यार की

कोयल की मिठास है बातों मे मेरे यार की
मिलने की प्यास है रातों मे मेरे यार की

Comments: Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]





<< Home

This page is powered by Blogger. Isn't yours?

Subscribe to Posts [Atom]