Sunday, June 18, 2006
आज कुछ शेर-ओ-शायरी नही आ रही है जहन में
सोचता हु, हाल-ए-दिल ही बयान कर दिया जाए
है खूबसूरत, जो बस गई है दिल की डोली मे
सोचता हु, हाल-ए-दिल ही बयान कर दिया जाए
है खूबसूरत, जो बस गई है दिल की डोली मे
जिसके बिना अब, ना मरा जाए और ना जिया जाए
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