Wednesday, June 21, 2006
लिखता हूं मै जो, होता है वो तुम्हारा ही कलाम
धडकनों की आहट भी करती है तुमको सलाम
सीने मे चलती सांस लेती है बस तुम्हारा ही नाम
एक ही चाहत है अब
धडकनों की आहट भी करती है तुमको सलाम
सीने मे चलती सांस लेती है बस तुम्हारा ही नाम
एक ही चाहत है अब
इन बाहों कि पनाह मे कट जाए मेरी उम्र तमाम
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