Friday, June 30, 2006
होने लगा है जिक्र गली-गली और कूँचे मे
कबूल किया जो आप ने नजरना हमारा
बनाया है आशिक़ तुम ने, कहना है सब का
कबूल किया जो आप ने नजरना हमारा
बनाया है आशिक़ तुम ने, कहना है सब का
क्या करे जब, अन्दाज है शायराना हमारा
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