Wednesday, July 05, 2006
अकेली रातें तेरी याद मे मर मिटने को बेकरार है
दिन भी तेरी उम्मीद मे गुजर जाने को तैयार है
ऐसी प्यास लगी है जालिम, दिल मे तेरे चाहत की
मिटेगी तेरे आने से, जो बरसात को भी दुशवार है
दिन भी तेरी उम्मीद मे गुजर जाने को तैयार है
ऐसी प्यास लगी है जालिम, दिल मे तेरे चाहत की
मिटेगी तेरे आने से, जो बरसात को भी दुशवार है
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