Monday, July 17, 2006
दिल ये तुम्हारा हँसाता है कभी और कभी रोता है क्या ?
सुनहरे रात मे जागता और भरे दिन मे ये सोता है क्या ?
तनहाई मे आह भरता है और महफिल मे खोता है क्या ?
ये प्यार ही है जानम, अब आगे आगे देखो होता है क्या !
सुनहरे रात मे जागता और भरे दिन मे ये सोता है क्या ?
तनहाई मे आह भरता है और महफिल मे खोता है क्या ?
ये प्यार ही है जानम, अब आगे आगे देखो होता है क्या !
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