Wednesday, July 19, 2006
कांटे भी फूल से लगने लगे है
तारे भी मेरे साथ जगने लगे है
कैसी मस्ती है छाई दिल-ओ-जान पे
प्यार के शोले यों सुलगने लगे है
तारे भी मेरे साथ जगने लगे है
कैसी मस्ती है छाई दिल-ओ-जान पे
प्यार के शोले यों सुलगने लगे है
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