Thursday, July 20, 2006
नजरों से यों मिलती है नज़रें
रास्ते भी आज कल टकरातें है
हम पडे रहते है यों ही घायल
हाय ! क्या अदा से वो शर्माते है
रास्ते भी आज कल टकरातें है
हम पडे रहते है यों ही घायल
हाय ! क्या अदा से वो शर्माते है
Subscribe to Posts [Atom]