Friday, August 25, 2006

इन्तजार कर रहा हूं उस रात का
जब तेरे पहलू मे मेरा सर होगा
तेरी ईनायतें है ना जाने कितनी
अब की बार ये हिसाब बराबर होगा

चौदहवी की रात जब होगी नसीब
सितारों की रोशनी का असर होगा
लगोगी हद से ज्यादा खूबसुरत
पकडे जाने का जब एक डर होगा

महलों की शान नसिब मे ना सही
सपनो से सजा सलोना घर होगा
हर दिवार कहेगी दास्तान हमारी
प्यार का गवाह हर पथ्थर होगा

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