Friday, August 25, 2006
दूरियाँ बढ जाए, या फासले हो दरमियान
धडकन थम जाए, चाहे होंठ हो बेजबान
दिल्लगी रहेगी शदब, इश्क़ रहेगा नौजवान
दुनिया की किसे फिक्र, जब तु है मेहरबान
शदब: fresh
धडकन थम जाए, चाहे होंठ हो बेजबान
दिल्लगी रहेगी शदब, इश्क़ रहेगा नौजवान
दुनिया की किसे फिक्र, जब तु है मेहरबान
शदब: fresh
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