Sunday, September 24, 2006

एक दिन यमराज आए मेरे सपनों मे
ठंडी आवाज मे बोले, चल बहुत रह लिया अपनो मे

पाया क्या है तूने यहॉ, जो खो जाएगा
जागेगा ना कोई तेरी याद मे, सारा जहां सो जाएगा

ना था तेरा कोई, ना तू किसिका अपना था
समझ बैठा जिसे तू सच, वो तो खैर एक सपना था

यहॉ तो सब कुछ दिखावा होता है
बांटता है ना कोई दुख, ना कोई किसि के लिये रोता है

अपने हो जाते है पराए एक पल में
आज तू हक़िक़त है, समा जाएगा तेरा नाम भी कल मे

ना रहेगा निशान, जहां तू कभी मौजूद था
मानो जैसे तेरी ना कोई हस्ती थी, ना ही कोई वजूद था

अब तेरी कोई वजह नही यहां रहने की
चल छोड सब को, तेरी सरहद आ गई गम सहने की

Comments:
Ustad, This one is terrific!
 
Likhe to bahut Khoob.......
Par Kya likhe...

Sapane me Sapana kee jagah Yamraj kyon AA rahe hain....

Thum bhi itihas bana sakte ho...

Wish you fun, love, health and long life.
 
wonderful blog buddy, i wonder how do u type that good in devnagari script?
cheers'
 
अतिसुन्दर ।
मनमोहक प्रस्तुति
 
Bhut hi sundar
 
Bhut hi sundar
 
Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]





<< Home

This page is powered by Blogger. Isn't yours?

Subscribe to Posts [Atom]