Thursday, September 14, 2006
जब भी उसके नाज़ुक बदन को छूता हूं
समंदर की लहरों सा महसूस करता हूं
छुई मुई सी है मानो वह मेरी जानम
एक छुवन से उसके मुरझाने से डरता हूं
समंदर की लहरों सा महसूस करता हूं
छुई मुई सी है मानो वह मेरी जानम
एक छुवन से उसके मुरझाने से डरता हूं
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