Thursday, September 14, 2006
ढुंडता हूं मै दर बदर
मंजर मेरे शबाब के
चुनता हूं मै बागों से
रंग नन्हें गुलाब के
चलता हूं मै दिन भर
नशे मे उस शराब के
सोता हूं मै रातों को
आस मे एक ख्वाब के
Manzar: Aspect
Shabaab: Youthfulness
मंजर मेरे शबाब के
चुनता हूं मै बागों से
रंग नन्हें गुलाब के
चलता हूं मै दिन भर
नशे मे उस शराब के
सोता हूं मै रातों को
आस मे एक ख्वाब के
Manzar: Aspect
Shabaab: Youthfulness
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